Sunday, July 11, 2010

बेदर्द जमाना

बेदर्द जमाना क्या जाने क्या चीज़ जुदाई होती है
हम लंड पकड़ कर बैठे हैं घर घर में चुदाई होती है

Thursday, July 8, 2010

जीवन के कठोर सत्य-1

१। मौत और टट्टी कभी भी सकती है
2. सांप और चूत जहाँ भी मिले मार दो
3. ज़िन्दगी और झांट उलझें हुए हैं उन्हें सुलझाने कि कोशिश मत करना
४। समय और चूतिया सबका कट ता है
५।अच्छी पियो ख़राब पियो जब भी पियो शराब पियो
६।पानी और लंड अपना रास्ता खुद ढून्ढ लेते हैं
७।बीवी और गाड़ी दुसरे को दोगे तो चुद कर ही आयगी
८।दूध और गांड जब फट ते हैं तो आवाज़ नहीं होती
९।रोकेट और ठरक AADMI को कंही भी ले जा सकते हैं
१०.चूचियां और ज़ज्बात जितना दबाओगे उतने ही उभरतें हैं
११.झांटे और कोयला हमेशा सुल्ग्तें रहतें हैं
१२.टूटी और लंड हमेशा टेढ़े ही रहतें हैं
१३.लंड को कितना भी झाडो आखरी बूँद चड्डी मैं ही गिरती हैं।
१४.चूचियां और खैनी जितना रगडोगे उतना ही मज़ा आयगा
१५.चूत और दारु कभी भी जूठी नहीं होती
१६.कुत्ते को मूतने के लिए और लड़की को चो दने के लिए टाँगे उठानी ही पड़ती हैं
१७.चूत और भूत किस्मत वालों को ही दीखते हैं
१८।नान और कुत्ते का लंड अन्दर जा कर ही फूलते हैं
१९ लोहे पर हथोडा और चूत पर लौदा तभी मारो जब गरम हो
२०.चूत साल में दो ही बार मरो एक उस दिन जिस दिन बारिश ना हो और एक उस दिन जिस दिन बारिश हो

Tuesday, June 22, 2010

लड़का : चाँद तारों को नींद आ रही है
तेरी माँ कि चूत तू अब आ रही है
लड़की : माँ कि चूत का ना दे वास्ता
खोलती हूँ ब्रा ले कर ले नाश्ता

Monday, June 21, 2010

सेक्स कि क्लास में टीचर ने कहा

बच्चों चूत कि तस्वीर बनाओ

एक लड़की शर्मा के नीचे देखने लगी

तो एक लड़का बोला सर देखो

बहन कि लोडी नक़ल कर रही है

चूतिया लोग चूत को बदनाम करते हैं

यह तो वह धरमशाला है जहाँ

लौड़े विश्राम करते हैं

खिचित खिचित रबड़ बढ़त
कसरत करे शरीर
मुट्ठी मारत लंड बढ़त
कह गए दास कबीर

Monday, June 14, 2010

तुम बलवान हो तो अपने बल से

तुम धनवान हो तो अपने धन से

तुम सुंदर हो तो अपने तन से

तुम कोमल हो तो अपने मन से

पर तुम जो भी हो मेरे लंड से

राम चन्द्र कह गए सिया से
ऐसा कलयुग आएगा
चूत चुदेगी कंप्यूटर से
लंड खड़ा रह जायेगा

चोदन चोदन सब करे

चोद सके ना कोए

जब चोदन कि बारी आये

लंड खड़ा ना होए

ऊंची गांड जिराफ कि
देख कबीरा रोये
ऐसी गांड किस काम कि
जो मार सके ना कोए
नारद जी कहते हैं कि
नारी नारी मत कर
नारी तो है नरक का द्वार
खुश होगी तो क्या देगी
मल मूत्र का द्वार
एक बार नारद मुनि को एक कन्या पे आ गया क्रोध
नारद ने उस कन्या को दिया चोद
कन्या बोली हे मुनि मादरचोद
तुने चोद दिया बिना निरोध
सूर दास जी पेड़ पर चढ़े लम्बा लंड लटकाए
जिसको जितना चाहिए काट काट ले जाए